मालिक यह कभी नहीं पूछता कि कहो भैया क्या हाल है तुम कहाँ रहते हो क्या खाते हो क्या घर भेजते हो अपने परिजनों से दूर इतने दिनों तक कैसे रह जाते हो
मालिक हमेशा यहीं पूछता है कि कितना काम हुआ और अब तक इतना काम ही क्यों हुआ
हिंदी समय में मिथिलेश कुमार राय की रचनाएँ